खनिज अधिकरी के हठ के आगे मजबूर हैं दोषमुक्त आरोपी लोक न्याय प्रणाली पर उठे सवाल, कलेक्टर न्यायालय की दोषमुक्ति विफल बैतूल। मप्र राज्य। लोक न्याय प्रणाली में आम जनता का विश्वास कायम रखने के लिए भारत की सुप्रीम कोर्ट कहती हैं कि न्यायालय को अभियोजन के प्रवक्ता अथवा डाकघर की भूमिका में नहीं आना चाहिए। अभियोजन कथा, वेद वाक्य अथवा देव वाणी नहीं होती हैं। न्यायालय को मुकदमों में सुनवाई करते समय किसी क्रीड़ा प्रतियोगिता के एम्पायर की तरह भूमिका अदा करते हुए हार और जीत की घोषणा नहीं करना हैं बल्कि न्याय प्रशासन को प्रभावित करने वालो को भी दण्डित करना हैं। न्याय होना ही नहीं बल्कि न्याय होता दिखना भी चाहिए। इसका अपवाद राजस्व न्यायालय हैं जिसके लिए विधि, न्याय और मावाधिकार केवल एक सिद्धांत की बात हैं। न्यायालय कलेक्टर बैतूल के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0041/67-अ/2019-2020 में खनिज चोरी के अपराध की अविश्वसनीय कथा दर्ज हैं। खनिज निरीक्षक अभिषेक पटले द्वारा लिखित घटना 06/04/2019 को रात्री 10: 35 बजे नदी के दूसरी ओर जेसीबी मशीन को उत्खन्न करते हुए और ट्रैक्टर ट्राली में खनिज भरते हुए देखा गया था। खनिज एवं पुलिस अमले को देखकर ट्रैक्टर ट्राली भाग गई और जेसीबी मशीन चालक नदी के किनारे सडक़ पर मशीन खड़ा करके भाग गया। खनिज निरीक्षक ने मौके पर जेसीबी मशीन को जप्त किया। पश्चात् महीने भर बाद आरोपी गोविंद मंडल के विरूद्ध राजस्व न्यायालय में खनिज के अवैध उत्खन्न का मामला पेश कर दिया। पुलिस थाना चोपना में पुलिस दस्तावेजो में दर्ज एक अलग कहानी हैं। घटना 06/04/2019 को प्रात: 11:05 बजे पुलिस जेसीबी मशीन जप्त करके ला रहीं थी कि रास्ते में कुछ लोगो ने हमला कर दिया था। पुलिस इस्तगासे में जेसीबी मशीन वही हैं जिसे खनिज निरीक्षक अभिषेक पटले खनिज दस्तावेजो में 06/04/2019 को रात्री 10: 35 बजे जप्त करना बता रहे हैं। पुलिस ने धारा 151 में आरोपी उदय मंडल को बनाया हैं। खनिज अपराध की इस घटना को लेकर एक कहानी और भी हैं। पुलिस अधीक्षक बैतूल को शिकायत में जनपद सदस्य घोड़ाडोगरी श्यामली मंडल के साथ पुलिस थाना चोपना के पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट करके 06/04/2019 को प्रात: 11:00 बजे घर से मशीन उठा कर लेकर गए थें। घटना में घायल श्यामली मंडल का जिला अस्पताल में इलाज चला था लेकिन आगे कोई कार्यवाही नहीं हुई थी बल्कि खनिज निरीक्षक अभिषेक पटले के एक शिकायती आवेदन 08/04/2019 पर पुलिस थाना चोपना द्वारा अपराध क्र0 76/2019 धारा 353, 186, 294, 506/34 भा0द0वि0 का आरोपी गोविंद मंडल एवं उदय मंडल के विरूद्ध दर्ज कर लिया गया था जो कि विचाराधीन हैं। न्यायालय कलेक्टर बैतूल में खनिज एवं पुलिस कार्यवाही से पीडि़त गोविंद मंडल, उदय मंडल और श्यामली मंडल ने अपने ब्यान दर्ज करवाए। खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला द्वारा गवाहो का प्रतिपरीक्षण किया गया हैं। न्यायालय ने स्वयं को प्रकरण तक सीमित रखते हुए अपने आदेश 17/02/2020 में आरोपी को दोषमुक्त कर दिया लेकिन न्यायालय में फर्जी प्रकरण पेश करने वाले और झूठी गवाही देने वालो खनिज निरीक्षक एवं पुलिस पर कोई वैधानिक कार्यवाही के आदेश नहीं दिए गए। न्यायालय से मिले अधूरे न्याय से पीडि़त गोविंद मंडल की जेसीबी मशीन को खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने मुक्त करने से मना कर दिया हैं। इसकी शिकायत 09/03/2020 को कलेक्टर बैतूल राकेश सिंग से की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला हैं। संचालक, भौमिकी एवं खनिकर्म, भोपाल विनीत आस्टिन की राजस्व अदालत में एक अन्य मामले में गोविंद मंडल की अपील लंबित हैं। कलेक्टर न्यायालय में गोविंद मंडल ने अपील के दस्तावेज दिखाए लेकिन खनिज अधिकारी अपीलीय प्रकरण की जुर्माना राशि जमा करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वैसे तो अपराध में जप्त संपत्ति को मुक्त करने का वैधानिक दायित्व स्वयं अदालत का हैं लेकिन खनिज अधिकारी का हठ मामले में बहुत भारी पड़ गया हैं। कलेक्टर राकेश सिंग भी दोषमुक्त आरोपी को कोई राहत नहीं दे पा रहे हैं। दअसल राजस्व न्याय प्रणाली, खनिज अपराध के मामलो में सुव्यवस्थित नहीं हैं। संचालक, खनिकर्म एवं भौमिकी, भोपाल, अपील की सुनवाई का क्षेत्राधिकार रखते हैं और प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन विभाग, पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हैं। इन दोनो अदालतो में अपील और पुनरीक्षण की याचिकाएं लंबी अवधी तक लंबित रहती हैं, अपील दाखिले पर तत्काल स्थगन आदेश नहीं दिया जाता हैं, तत्काल रिकार्ड तलब नहीं किए जाने के कारण जिलास्तर पर खनिज विभाग को सूचना नहीं रहती हैं। खनिज अदालतो में साप्ताहिक अथवा पाक्षिक सुनवाई की कोई व्यवस्था नहीं हैं, सुनवाई के लिए एक दिन व समय निश्चित नहीं हैं और अपील के निराकरण की कोई समय सीमा व सुनवाई की संख्या निश्चित नहीं हैं। इन अदालतो में भी शासन का पक्ष रखने के लिए शासकीय अधिवक्ता उपस्थित नहीं होते हैं। पूर्व से पेशी तारीखो का कुछ पता नहीं रहता हैं, अचानक पेशी तारीखो की जानकारी स्थानीय खनिज विभाग के माध्यम से दी जाती हैं। अक्सर पेशी दिनांको पर वकील एवं पक्षकार पीठासीन अधिकारी के न्याय आसन पर बैठने का इंतजार करते रह जाते हैं। खनिज अपराधों में पुलिस थानों में जेसीबी मशीन और डम्पर जप्त अवस्था में पड़े रहते हैं जिससे राष्ट्रीय संपत्ति की क्षति होती हैं। राजस्व न्याय प्रणाली में व्यापक सुधार की दरकार हैं।